रविवार, 22 नवंबर 2009


!!! नया भारत जहां गिनती गरीब की नही हे !!!




आजाद भारत के ६० साल बाद भी भारत में बहोत कुछ बदलाव आए है ! उन में सबसे बड़ाकोई बदलाव हे तो ये बात का हे की पूजीपति के धन उपार्जन में सबसे बड़ा बदलाव कहा जाएगा टाटा अम्बानी बिरला अदानी ये वो फलाना ठिकड़ा ऐसे बहोत नाम लोगो के मुह में कहानिया की तरह याद हे ! मगर एक चीज में नातो बदलाव राजा महाराजा के समय में था ही आज ६० साल के बाद आया हे वो हे भारत के गरीब! उन ८० % समाज को पूजीपति ने इस तरह से बाट दिया के वो एक जुट ही नही हो रहा हे इस में सबसे बड़ी बात जो भारत के पूजीपति ने इंगलिस्तान से सीखी हे भाग्लावादी निति गरीब को धर्म भाषा के प्रदेश ज़ात के ऐसे कही नाम से बाट दिया हे ! ये लोग भूल गए हकीकत क्या हे ! क्यो के भारत की शिक्षा पद्धति ऐसी बांयी हे की ये लोगो अंग्रेज के बाद आगे तक आप अधिकार जताए रखे उन गरीबो के ऊपर

सुबह उठो अख़बार हाथ में लो या टेलिविज़न ओन करो तो एक ही बाट दिकाही पड़ेगा भारत महासत्ता की दोड में सामिल हे भारत के उद्योग पति १०० से ऊपर हे जो बिलियोनर हे १००० उअपर मिलियोनर हे मगर ये बाट टेलिविज़न में कभी दिखाई नही दिया के भारत में कितने मिलयन या बिलयन गरीब हे वो क्या करते हे केसे रहते हे उनकी मुश्केली क्या हे यहाँ अमिताब को खासी आया सचित को बखर आया सरे देश के मिडिया में चमकेगा मगर किशन की मागे क्या हे मजदुर के बच्चे को शिक्षा मिल रहा हे के नही ये बाट कभी लोगो के सामने नही लिखी जा रहा हे राज ठाकरे क्या करता हे बल ठाकरे क्या करता हे बिपाशा ने पार्टी में क्या पहना था केटरीना सलमान का साथ कहा गई थी सब बकवाश लोगो के पाकिस्तान बर्बादी की कगार पे हे ये सब मिडिया की बकवाश शान करना पड़ता हे मगर भारत के करोडो KIHSAN को चिंचाई की उपलब्धता हे के नही हे गाव में स्कूल का काम सही हे सरकारी हॉस्पिटल में काम ठीक चल रहा हे के नही ये बात भारत के संचार माध्यम में कभी नही किया गया हे
आज भारत में गरीबी की वहसे कितने लोग गुनेगरी करने लगे हे कितने लोग सुसाईड कर रहे हे कितने किशान आत्महत्या कर रहे हे ये बाट भारत के मिडिया वालो को पता ही नही हे या फ़िर पता हे पर वो आख के सामने कान कर रहे हे या उशको आपना मुह बन्ध रखने के लिए खरीद लिया गया हे ताकि हकीकत उन लोगो के सामने ना ए जो भारत की बहुमत हे

और यही बात उन भ्रष्ट लोगो क ज्यादा उत्साहित करती हे क्यो के दुनिया के सबसे बड़े जो क्रांति हुयी हे उनमे मिडिया की भूमिका बहोत थी मार्क्स , दोस्तोय्की ,गोर्की जेसे लोगो ने राशियाँ क्रांति की भूमिका बनाई थी तो विक्टर ह्यूगो,जेसे विद्वानों का हाथ रहा हे तो अमेरिका में भी सेम्यूअल एडम्स जेफरसन वोशिन्टन जेसे विद्वान का हाथ रहा हे पर बहरत में तो कहे जाने वाले बोद्धिक ही सरकार के सभी क़ानूनी गैर क़ानूनी काम में मदद करते हे !वो मामला संजय दत्त का हो या बोफोर्स कांड का मिडिया तंत्र की भूमिका संकाश्पद हे


और शायद इस लिए में ख़ुद भी नक्सलवाद को मदद करने के लिए तैयार हो जाता हु क्यो के ऐसे लोगो शे तो ये बात बिल्कुल सही हे राहुल महाजन को कुछ नही होता हे मनु शर्म जब चाहे बाहर निकल शकता हे संजय दत्त निर्दोष हो जाता हे बाप की पोलिटिकल वग की वजह से राहुल भट्ट को भी कुछ नही होगा लालू यादव का कुछ नही हुवा हे बोफोर्स के गोतले वालो का कुछ नही हे आराम से घुमाते हे जगदीश टाईटलर का कुछ नही हुवा मुलायम सिकुरिटी के साथ घूमता हे और बात जब देश के गरीब गुनाह करे तो गृह मत्री सेना का इस्तमाल करने का बोल रहे हे क्यो के आखिर ये लोग तो उंके खिलाफ हे और कोई आपने समाज का हित चोचे तो उनको लेबल लगते हे नफरत की राजनीती के
इस लिए तो बोलते ऑह ! डार्लिंग ये हे इंडिया !!!!!

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